लक्ष्य तक पहुंचे बिना पथ में पथिक विश्राम कैसा लक्ष्य है अति दूर दुर्गम, मार्ग भी हम जानते हैं पथ के हर कंटको को, हम सुमन ही मानते है
Post a Comment
No comments:
Post a Comment