लक्ष्य तक पहुंचे बिना पथ में पथिक विश्राम कैसा लक्ष्य है अति दूर दुर्गम, मार्ग भी हम जानते हैं पथ के हर कंटको को, हम सुमन ही मानते है
कल्प जी, आपकी रचनाएं तो खडिया खड़ी करने वाली हैं. और मुझे बेहद पसंद हैं. बस जारी रहिए. ये आवाज़ बेहद कीमती है बॉस...एक दिन बहुत काम आयेगी!
thankx "Sagar" Sahab.........
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कल्प जी, आपकी रचनाएं तो खडिया खड़ी करने वाली हैं. और मुझे बेहद पसंद हैं. बस जारी रहिए. ये आवाज़ बेहद कीमती है बॉस...एक दिन बहुत काम आयेगी!
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